गोरखपुर, जून 23 -- गोरखपुर। मुख्य संवाददाता कभी सुना है हाथी झूलना, लतवा, करेलवा, या नाजुक बदन, फुटबाल, मोहन भोग, किशन भोग आम का नाम? अगर नहीं, तो आज गोरखपुर क्लब में हुए तृतीय आम महोत्सव ने यह साबित कर दिया कि आम सिर्फ दशहरी, कपूरी, गौवरजीत या चौसा तक सीमित नहीं है। आमों के नामों ने सबका ध्यान खींचा और दर्शकों की जिज्ञासा को स्वाद में बदल दिया। पूरे हॉल में आमों की सुगंध, रंग-बिरंगी प्रजातियां और व्यंजनों की विविधता ने इसे केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि गोरखपुर की सांस्कृतिक मिठास में डूबा हुआ उत्सव बना दिया। यह आयोजन स्वाद के साथ विरासत और संरक्षण की दृष्टि से भी एक प्रेरक पहल बन कर सामने आया। मुख्य अतिथि इण्टैक चेयरमैन अशोक सिंह ठाकुर और निदेशक चैप्टर डिवीजन विशिष्ट अतिथि ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) अरविंद शुक्ला ने आयोजन की मुक्त कंठ से...
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