गया, फरवरी 23 -- आमस में स्कूली बच्चे समेत एक लाख दस हजार लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। 10 फरवरी से शुरू हुए फाइलेरिया उन्मूलन चक्र अंतर्गत अब तक 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को दवा खिलाई जा चुकी है। दवा खिलाने में स्वास्थ्य कर्मियों को सबसे अधिक परेशानी महादलित परिवार में हो रही है। साइड इफेक्ट के भय से कर्मियों पर नजर पड़ते ही महादलित परिवार के लोग घर से निकल जा रहे हैं। काफी समझने के बाद दवा खा रहे हैं। रविवार को पिरामल के कार्यक्रम पदाधिकारी अताउल्ला खां जायजा लेने सांव गांव पहुंचे थे। यहां आशा दीदी उर्मिला कुमारी व सुनीता पहले से एक महादलित परिवार को समझा रही थीं। लेकिन कुछ ही देर में दवा खानेवाले घर के लोग गांव में निकल गए। इसके बाद टीम को निराश लौटना पड़ा। सीएचसी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेश कुमार ने बताया कि इ...