मधुबनी, अक्टूबर 29 -- लौकही। आब केना के हमर दिन कटतै हो देव,धिया पुता के कमाके खियेतै हो भगवान? ये दर्द भड़ी पीड़ा मृतक मुकेश की पत्नी संगीता देवी का है। इस परिवार पर छठ महापर्व की खुशी अचानक मातम में बदल गई। परिजनों के अनुसार मुकेश अपने गांव बलुआहा से भोजन कर अपनी बाइक से बनगामा के लिए किसी काम से निकला था। वह बाहर रहकर मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था। करीब एक माह पहले अपने साढ़े तीन वर्षीय पुत्र के मुंडन के लिए घर आया था। छठ पर्व के कारण वह रूक गया था। दो तीन बाद वह फिर वाहर चला जाता लेकिन भगवान को यह मंजूर नहीं था। बतादें कि मृतक के पिता शोभा नारायण पासवान और उसकी मां का भी रो रोकर बुरा हाल था। मां छठ की थी। वह रोते हुए कभी भगवान को तो कभी भाग्य को कोश रही थी। उसे एक छह साल की लड़की और एक करीब साढ़े तीन साल का लड़का है। उसक...
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