सद्गुरु, मई 27 -- Sadguru pravchan: कृपा कोई अमूर्त, गैरहाजिर विचार या कल्पना नहीं है पर ये एक जीवित शक्ति है, जिसे हम अपने जीवन में आमंत्रित कर सकते हैं। हम अपनी शक्ति, बुद्धि और जानकारी से जो कुछ भी कर सकते हैं, वह सब बहुत सीमित है। अगर आप कृपा की खिड़की को खोल सकें तो जीवन ऐसे अद्भुत तरीके से चलेगा, जो संभव होने की आपने कल्पना भी नहीं की होगी। आपके सामने हर जगह यह सवाल है, 'मैं ऐसा कैसे कर सकता हूं?' पर, यह कोई करने वाली चीज नहीं है। आपके अंदर, अगर कोई खाली जगह है, जहां आपके विचार और पूर्वाग्रह, आपकी भावनाएं और विचारधाराएं अंदर न आ सकें, तो आपके जीवन में कृपा एक प्रबल शक्ति की तरह होगी। अगर आप अपने ही विचारों, अपनी ही भावनाओं और कल्पनाओं आदि से भरे हुए हैं तो कृपा आपके आसपास बहते हुए भी, आपके अंदर कुछ नहीं होगा। ज्यादातर लोगों के जीवन क...