एटा, जून 24 -- देश में आपातकाल की तस्वीरें उस समय के लोगों में मन में अभी भी बसी हुई है। जैसे ही वर्ष 1975 की बात करते हैं तो उस दौर को यादकर हिटलरशाही जैसे ही तस्वीरें उभर आती है। दो वर्ष का जो कार्यकाल था उसमें हुई परेशानियों को भूलना मुश्किल है। जो भी सरकार के विरोध की बात कर रहे थे उन्हें खोजकर जेल में बंद किया जा रहा था। एक-एक व्यक्ति सरकार के निशाने पर था। कौन क्या बात कर रहा है इसकी भी सरकार को भनक थी। पुलिस किसी को छोड़ने वाली नहीं थी। डीआईएस मीशा की बात सुनते ही दर्द बयां करते-करते थक नहीं रहे। हिन्दुस्तान टीम ने उस समय महीनों जेल में रहे लोगों को वार्ता कर उनकी स्थिति को जाना तो पूरे परिदृश्य को सामने रख दिया। जनपद में अभी 22 लोग ऐसे है जो लोकतंत्र सैनानियों के रुप में पहचाने जा रहे है। हैंडपंप पर पानी पीते समय कर लिया था गिरफ्त...
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