सहरसा, जुलाई 14 -- सहरसा। गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम का डा. लीना सिंन्हा, डा. मोनिका पांडेय, न्यायाधीश पाठक आलोक कौशिक, दीपक मिश्रा, रुचि ने उदघाटन किया। भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में जिला स्तर एवं प्रखंड स्तर पर प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान आने वाले छात्रों छात्रों को प्रमाण पत्र मेडल एवं मोमेंटो देकर पुरस्कृत किया गया। डा. अरूण कुमार जायसवाल ने कहा खान पान, रहन सहन, वेशभूषा, वस्त्र विन्यास, बोल चाल को ही संस्कृति कहते हैं। संस्कृति का मतलब होता है परिष्कृति। परिष्कृति का मतलब ही स्वच्छता है। इस अवसर पर न्यायाधीश ने न्याय एवं कर्म सिद्धांत के बारे में छात्र छात्राओं को संबोधित किया।

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