पटना, सितम्बर 2 -- पिरामिड स्प्रिचुअल सोसाइटीज मूवमेंट द्वारा मंगलवार को प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इसमें 'आनापानसति ध्यान मुद्रा पर चर्चा की गई। पत्रीजी मेडिटेशन चैनल की पद्मा वडलामुड़ी ने कहा कि भगवान बुद्ध द्वारा 2500 वर्ष पहले लाई गई आनापानसति ध्यान मुद्रा ने उन्हें विश्वगुरु बना दिया। यह ध्यान मुद्रा एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपने मन और शरीर को शांति और एकाग्रता की अवस्था में लाने का प्रयास करता है। ध्यान मुद्रा में बैठने से व्यक्ति के शरीर और मन पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, जैसे कि मानसिक शांति, एकाग्रता, शारीरिक स्वास्थ मजबूत होता है। बिहार पिरामिड मेडिटेशन फाउंडेशन की स्वाति पोन्नाला ने कहा कि एक समय में योग केवल भारत में था, लेकिन सरकार के प्रयास से आज संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा विश्व स्तर पर इसे पहचान मिली है।...
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