शामली, फरवरी 23 -- शहर के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर जूनियर स्कूल में स्वामी दयानंद की जयंती बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाई गई। प्रधानाचार्य संजय सैनी व मुख्य वक्ता रविंद्र कुमार ने स्वामी दयानंद के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का प्रारंभ किया।बताया कि जब बाल्य काल में स्वामी दयानंद ने शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर चूहे को कूदता हुए देखा तो उनके मन में मूर्ति पूजा के प्रति उनके मन में शंका पैदा हुई उसे समय बाद उन्होंने घर छोड़ दिया और ज्ञान की खोज में भटकते हुए स्वामी विरजानंद के शिष्य बने। उन्होंने 1875 में मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की। उनके विचारों का सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ सत्य प्रकाश उनकी कृति है। प्रधानाचार्य संजय कुमार सैनी ने बताया कि स्वामी दयानंद जाति प्रथा वह बाल विवाह का विरोध कर स्त्रियों के उत्थान और पुनर्विवाह के स...