नई दिल्ली, जुलाई 11 -- UIDAI ने आधार जारी करने और अपडेट करने की प्रक्रिया में सेकेंड लेयर का वेरिफिकेशन शुरू किया है। नया सिस्टम ऑनलाइन डेटाबेस (ड्राइविंग लाइसेंस, PAN, MNREGS डिटेल) का उपयोग करेगा, ताकि व्यक्ति की पहचान को क्रॉस-वेरिफाई किया जा सके। भविष्य में बिजली बिल जैसे दस्तावेज भी इसमें शामिल होंगे। यह केंद्रीकृत KYC दिशानिर्देशों के अनुरूप है और Aadhaar को "फूलप्रूफ" बनाने के लक्ष्य का हिस्सा है यह बदलाव Aadhaar को अधिक सुरक्षित बनाएगा, लेकिन डेटा प्राइवेसी और पहुंच के सवालों पर निगरानी जारी रखनी होगी। नागरिकों को अपने दस्तावेज अपडेट रखने और UIDAI की अधिसूचनाओं पर नजर बनाए रखनी चाहिए।नागरिकता बनाम पहचान का विवाद Aadhaar अधिनियम की धारा 9 स्पष्ट करती है कि यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है, लेकिन सरकार अब गैर-कानूनी अप्रवासियों को Aadh...