बोकारो, मई 25 -- बोकारो, प्रतिनिधि। आनंदगर में चल रहे धर्ममहासम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को पूरा माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा व उल्लास से परिपूर्ण रहा। प्रातः गुरुसकाश, पांचजन्य, सामूहिक साधना व बाबा नाम केवलम महामंत्र के गायन ने वातावरण मधुर व दिव्य बना दिया। धर्म महासम्मेलन में देश-विदेश के हजारों भक्त शामिल हुए। पुरोधा प्रमुख श्रद्धेय आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के भौतिकतावादी युग में यह प्रश्न अत्यंत प्रासंगिक है कि हमें क्या ग्रहण करना चाहिए? क्या केवल धन, पद और सुख-सुविधाएं ही उपादेय हैं, या वे मूल्य जिन्हें अपनाकर जीवन सार्थक बनता है? सत्य, करुणा, धैर्य, त्याग और आत्मसंयम जैसे गुण ही वास्तव में ग्रहणीय हैं। जब तक हम बाह्य भोगों में सुख खोजते रहेंगे, आत्मिक शांति दूर रहेगी। आचार्य ने कहा कि आनंद मार्ग...