नई दिल्ली, जून 26 -- चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से निकले आखिरी संदेश में पहलगाम हमले का जिक्र न होना बहुत विचारणीय है। यही वजह है कि भारतीय रक्षा मंत्री ने इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। वास्तव में, यह एक और प्रमाण है कि आतंकवाद संबंधी भारतीय शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इस बीच, अमरनाथ यात्रा से ठीक एक सप्ताह पहले गुरुवार को उधमपुर जिले में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ सोचने पर मजबूर करती है। अमरनाथ यात्रा पहले ही आतंकियों के निशाने पर रही है और इस बार भी आतंकियों की गिद्ध-दृष्टि यात्रा पर हो, तो आश्चर्य की बात नहीं। विगत तीन दशक से तनाव की स्थिति में ही अमरनाथ यात्रा हो रही है। सुरक्षा बल शांतिपूर्ण यात्रा के लिए प्रयासरत हैं और उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्रा सफलतापूर...