रांची, अगस्त 10 -- रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल 'रिम्स' की व्यवस्था बदतर है। आपात स्थिति में रिम्स की इमरजेंसी तक पहुंचने के बाद मरीज को इंटर्न-डॉक्टर तो उसे देख लेते हैं, लेकिन उसके बाद अधिकांश दवा एवं अन्य कंज्यूमेबल्स (उपभोग्य वस्तुएं) के लिए लोगों को निजी दुकानों तक दौड़ना पड़ता है। अत्यावश्यक एबीजी जांच (धमनी रक्त गैस परीक्षण) रिपोर्ट के लिए परिजनों को 5 से 8 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। हालत ये है कि रिम्स में करीब 150 वेंटिलेटर बेकार पड़े हैं। दवा के साथ कॉटन, गॉज, कैन्युला आदि जरूरी सामान मरीज बाहर से खरीदने को विवश हैं। गंभीर मरीजों की ईसीजी, बीपी, पल्स आदि की जानकारी के लिए लगाए गए इमरजेंसी बेड के लगभग सभी मॉनीटर बंद हैं। यह खुलासा गुरुवार को हाईकोर्ट के निर्देश पर अधिवक्ताओं की टीम ...