वाराणसी, मई 20 -- वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। बीएचयू के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. देवेश यादव ने कहा कि आईबीडी (इंफ्लामेट्री बावेल डिजीज) आंतों से जुड़ी दीर्घकालिक बीमारी है। जिसमें खासतौर पर क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस आते हैं। यह पेट में सूजन, दर्द, लगातार दस्त, थकावट और वजन कम होने जैसे लक्षणों के साथ सामने आता है। इनकी पहचान कर निरंतर चिकित्सा की जरूरत होती है। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में आईबीडी दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने किया। उन्होंने कहा कि आईबीडी के कारण स्पष्टतः अलग-अलग होते हैं और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पीड़ित व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक प्रणाली (शरीर की सुरक्षा प्रणाली) की असामान्य गतिविधियों के कारण होता है। अन्य कारणों में आन...