नई दिल्ली, सितम्बर 24 -- उन लोगों ने भी आईफोन के नए मॉडल को लेने वाली भीड़ का मजाक बनाया, जिनकी पीढ़ी जेसीबी की खुदाई घंटों खड़े होकर देखती है। यह भीड़, तो उस भीड़ से यकीनन बहुत बेहतर है, जो नाले में उफनाते पानी को, सीवर की सफाई को, कीचड़ और मिट्टी खोदने को, पेड़ कटने को घंटों देखती है। उनके पास तो फिर भी एक मकसद है, इनके पास क्या है, जो लाठी-डंडे खाकर, आंसुओं से भीगकर अपने नेताओं को देखने जाते हैं? आईफोन के लिए जुटी भीड़ में से अधिकतर कंटेंट क्रियेटर हैं। उन्होंने बहुत जतन से पैसे कमाए हैं और बचाए हैं कि जब नया मॉडल आएगा, तो वे वही खरीदेंगे। इसमें भला बुराई क्या है? बेशक, आपको यह दीवानापन लगता हो, मगर इसे 'क्रेज' कहते हैं, जो हर दौर में किसी चीज के लिए होता है। कुछ लोग ऐसे ही होते हैं, जिनकी दिलचस्पी अलग होती है। वे हर चीज को नकारते नहीं हैं, ...
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