वाराणसी, अप्रैल 29 -- वाराणसी,मुख्य संवाददाता। आईआईटी बीएचयू ने कालाजार के उपचार के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि अर्जित की है। शोधकर्ताओं ने आईआईटी गुवाहाटी के साथ मिलकर डुअल-टारगेट लिपोसोमल दवाएं विकसित की हैं। ये दवाएं घातक और उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग कालाजार के इलाज को पूरी तरह से बदल सकती हैं। यह महत्वपूर्ण खोज हाल ही में प्रतिष्ठित जर्नल ऑफ ड्रग डिलीवरी साइंस ऐण्ड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित हुई है। इस अनुसंधान का नेतृत्व आईआईटी बीएचयू के जैव रासायनिक अभियांत्रिकी के प्रो. विकास कुमार दुबे और आईआईटी गुवाहाटी से संबद्ध प्रो. शंकर प्रसाद कन्नौजिया ने किया। शोधकर्ताओं द्वारा डिजाइन किए गए दो सिंथेटिक यौगिक (जिंक 000253403245 और जिंक 000008876351) की विशेषता यह है कि ये परजीवी पर दो मोर्चों से एक साथ वार करते हैं। इससे उपचार में सफलता की सं...