बिजनौर, मई 20 -- दिगंबर जैन मुनि श्रीसा सागर महाराज और मुनि पदम नवसागर महाराज ने दिगंबर जैन मंदिर में प्रवचन करते हुए जैन समाज को अहिंसा परमो धर्म और सेवा आदि का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सभी को सभी बातें मालूम होती है। इसलिए सबसे पहले अपने आप से प्रसन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अगले जन्म में जैन बनेंगे या नहीं यह सब अपने कर्मों पर निर्भर है। उन्होंने गांधी जी के तीन बंदरों का उदाहरण देते हुए कहा कि इससे शुरुआत कीजिए। बुरा मत देखो बुरा मत करो, बुरा मत सुनो। ईमानदारी से कार्य करो। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से कार्य करो अप शब्दों का प्रयोग और निंदा ना करो। मनोवृति, वचन वृत्ति का ध्यान रखो। कम बोलो, जैसा बोलोगे वैसा ही प्रभाव आत्मा पर पड़ेगा। उन्होंने कहा मनुष्य पुण्य लेकर आता है और यहीं खत्म कर देता है। जैन समाज के द्वारा मुनियों का नग...