नई दिल्ली, मई 16 -- नई दिल्ली, अपराजिता शर्मा। अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो संभव है कि आपके पास कंपनी की ओर से मिलने वाली स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी (कॉरपोरेट पॉलिसी) हो और आपने खुद भी एक व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी ले रखी हो। ऐसे में, अगर किसी बीमारी या सर्जरी में अस्पताल का खर्च ज्यादा हो जाए, तो आप दोनों पॉलिसी का इस्तेमाल करके आर्थिक बोझ को काफी हद तक कम कर सकते हैं। दो पॉलिसी साथ क्लेम करने का तरीका -अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटे के भीतर पहली बीमा कंपनी को सूचित करें -कैशलेस क्लेम के लिए अप्रूवल लें -जैसे ही बिल पहली पॉलिसी की सम इंश्योर्ड से ऊपर जाता है, दूसरी बीमा कंपनी को सूचित करें -डिस्चार्ज के समय बाकी की राशि अपनी जेब से चुकाएं -सभी मेडिकल बिल, डिस्चार्ज समरी और अन्य दस्तावेज एकत्र करें -पहली बीमा कंपनी से क्लेम सेटलमेंट लेटर प्राप्त करे...