नई दिल्ली, जुलाई 21 -- क्या आप जाग रहे हैं अथवा कुछ बनने की इच्छा के जरिये फिर से सोने जा रहे हैं? आप कहते हैं कि आप सोए हुए थे और अब आप जाग गए हैं, परंतु यह जाग्रत अवस्था आपको असंतुष्ट बनाती है और असंतोष आपको बेचैन करता है, पीड़ा देता है। इस पीड़ा से दूर भागने के लिए आप कुछ बनने, किसी आदर्श का अनुसरण करने आदि की कोशिश कर रहे हैं। यह अनुकरण आपको पुन: नींद में ले जाता है। परंतु हम उस पुरानी अवस्था में लौटना नहीं चाहते, हम सचमुच चाहते हैं कि जाग्रत रहें। यह विचित्र नहीं है कि मन अपने आप को धोखा देता है? मन को परेशान होना पसंद नहीं है। इसे अपने पुराने ढर्रे, विचार और कर्म की आरामदेह आदतों से झिंझोड़कर बाहर किया जाना अच्छा नहीं लगता; परेशान होने के कारण यह ऐसे मार्ग और साधन खोजता है, जिनसे यह नई सीमाएं, नए चरागाह स्थापित करे, ताकि उनमें यह सु...