नई दिल्ली, मई 16 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। हाईकोर्ट ने सिविल और अर्द्धसैनिक बलों में नौकरी के बीच अंतर बताते हुए कहा है कि सेना में कार्य करने के लिए बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य जरूरी है। सैन्य बल में यह प्राथमिकता है, क्योंकि ऑपरेशनल प्रभावशीलता और सुरक्षा के लिए यह बेहद जरूरी है। न्यायमूर्ति सी हरि शंकर और अजय दिगपॉल की पीठ ने आईटीबीपी के एक उम्मीदवार को अनफिट बताकर खारिज करने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा कि भारतीय अर्द्धसैनिक बल ऊंचाई वाले क्षेत्रों, रेगिस्तानों व अन्य कठिन क्षेत्रों सहित विभिन्न इलाकों में काम करते हैं, जहां उन्हें चरम मौसम की स्थिति, शारीरिक तनाव और अन्य संभावित स्वास्थ्य खतरों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उनका पूरी तरह से स्वस्थ होना आवश्यक है।

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