नई दिल्ली, अगस्त 31 -- एक सवाल अक्सर पूछा जाता है, कृष्ण ने अर्जुन को ही गीता क्यों बताई? उनके पास युधिष्ठिर थे, जो धर्मराज कहलाते थे, गीता उनको कहीं अधिक समझ में आ सकती थी। अर्जुन तो योद्धा थे, तथाकथित अर्थों में वह अधार्मिक भी थे, जो धर्म पर इतने सवाल उठा रहे थे। लड़ने के लिए भी राजी नहीं थे। फिर, कृष्ण ने जब गीता का ज्ञान दिया, तब श्रोताओं में भी कोई धार्मिक व्यक्ति नहीं था। क्यों? ऐसे सवालों के जवाब ओशो ही दे सकते हैं। उनसे ये सवाल पूछे गए, तब उन्होंने कहा, युधिष्ठिर तथाकथित धार्मिक आदमी हैं। वह रूढ़िग्रस्त धार्मिक आदमी की प्रतिमा हैं। धार्मिक आदमी दो तरह के होते हैं। एक, उधार धार्मिक होते हैं, यानी जिनका धर्म अतीत की उधारी से आता है। और दूसरे धार्मिक आदमी वे होते हैं, जिनका धर्म उनकी आंतरिक क्रांति से आता है। जैसे, पंडित पुरोहित धर्म क...
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