नई दिल्ली, जून 23 -- परमाणु अप्रसार के नाम पर अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला वैधता और नैतिकता के दृष्टिकोण से बेहद गंभीर सवाल खड़े करता है। ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध पहले ही भयानक और विनाशकारी स्थिति में पहुंच चुका है। ऐसे संवेदनशील समय में अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर सीधा हमला किसी भी अंतरराष्ट्रीय मानदंड या नैतिक दृष्टिकोण से उचित नहीं ठहराया जा सकता। इस कदम न केवल पश्चिम एशिया, बल्कि पूरी दुनिया को युद्ध के कगार पर लाकर खड़ा किया है। हर राष्ट्र को अपनी संप्रभुता की रक्षा और सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का अधिकार है। ईरान भी अपने क्षेत्रीय हितों और रणनीतिक समीकरणों के तहत कार्य करता है। लेकिन अमेरिका द्वारा उसकी भूमि पर सैन्य कार्रवाई करना न केवल अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है, बल्कि यह उसकी दु...