दरभंगा, जुलाई 29 -- रीवा से आए कवि अमित शुक्ला ने एक ओर हास्य व व्यंग से कवि सम्मेलन में श्रोताओं को लौट पोट होने पर मजबूर कर दिया। वहीं दूसरी ओर उन्होंने कवियों के दर्द को भी बयान किया। वेस्टर्न कल्चर पर जमकर चोट करते हुए उन्होंने कहा कि नृत्यांगनाओं के नृत्य को देखने के लिए होटलों में भीड़ उमड़ पड़ती है।

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