वाराणसी, सितम्बर 21 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। आश्विन मास की अमावस्या रविवार को है। इसे सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार यह दिन उन सभी पितरों को याद करने का दिन होता है, जिनकी तिथि याद न हो या जो अनजाने में छूट गए हों। माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान जो दिवंगत आत्माएं धरती पर आती हैं, उन्हें इस दिन श्राद्ध, तर्पण आदि करने के बाद आदर के साथ विदा किया जाता है। इसी के साथ पितृपक्ष का समापन हो जाएगा। अमावस्या तिथि शनिवार की मध्यरात्रि के बाद 12 बजकर 07 मिनट पर लग चुकी है। यह तिथि 21 सितंबर को मध्यरात्रि के बाद 01 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। 21 सितंबर को उदया तिथि में अमावस्या मिलने के कारण इसका मान आज है। इस तिथि विशेष पर स्नान, दान और श्राद्धकर्म के साथ पितरों का स्मरण कर मध्याह्न में ब्राह्मण भोज क...