बेगुसराय, अगस्त 2 -- छौड़ाही, निज संवाददाता। बिहार सरकार हर वित्तीय वर्ष में शिक्षा बजट पर करोड़ों रुपए खर्च कर ग्रामीण इलाकों के विद्यालयों को सुव्यवस्थित करने को सतत प्रयासरत है। दूसरी तरफ विद्यालयों में भवन निर्माण और मरम्मत के नाम पर गुणवत्तापूर्ण काम करने के बजाय अभिकर्ता शिक्षा विभाग की मोटी रकम डकार रहे हैं। इस काम में 10-12 साल में ही विद्यालय के भवन का मलबा टूटकर गिर रहा है। स्कूल में अध्ययनरत बच्चों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है। ऐसा ही एक मामला प्रखंड की अमारी पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय पीरनगर से सामने आया है जहां तीन दिन पूर्व छत पर जाने वाली सीढ़ी अचानक भर-भराकर ढह गई। गनीमत रही कि सीढ़ी का हिस्सा विद्यालय की छुट्टी होने के बाद शाम को गिरा, अन्यथा विद्यालय अवधि के दौरान सीढ़ी का मलबा गिरता तो बड़ा हादसा भी हो सकता थ...
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