कानपुर, जून 7 -- कानपुर। अमर शहीद गंगू बाबा स्मारक समिति ने गंगू बाबा के शहीद दिवस पर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला और गोष्ठी व पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया। सन 1857 की गदर में अमर शहीद गंगू बाबा जी ने अंग्रेजी को अपनी ताकत का लोहा मनवाया था। वह चुन्नीगंज में निवास करते थे। नानाराव पेशवा की सेना में रह कर पहलवानी सिखाते थे। जब अंग्रेजो से विद्रोह हुआ तो नाना साहब ने अंग्रेजी से युद्ध करने का फैसला लिया तो गंगू बाबा सूबेदार बनकर नाना साहब के साथ रहे। अपनी ताकत से लगभग 150 से अधिक अंग्रेजों को मौत के घाट उतारा। तब अंग्रेजों ने गंगू बाबा को चुन्नीगंज में नीम के पेड़ पर लटका कर फांसी देकर मौत के घाट उतारा था। सभा में विचार व पुष्पांजलि देने वालो में सुरेश बाल्मीकि राका, अध्यक्ष अनिल सागर, शिव कुमारी बाल्मीकि, रोहित चौधरी और सन्तोष सेठ कमल आदि मौज...