नई दिल्ली, अक्टूबर 13 -- गाजा में अमन-चैन की ओर जो सुखद कदम बढ़े हैं, उनका स्वागत होना चाहिए। फलस्तीनी उग्रवादी समूह हमास ने जीवित बचे 20 इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया और इसके बाद इजरायल में जो खुशी का माहौल है, उसे महसूस किया जा सकता है। 738 दिन बाद जो बंधक रिहा हुए हैं, वे अमन-चैन के प्रयासों की सफलता के जीवंत उदाहरण हैं। जो बंधक हमास की कैद से लौट न पाए या जिनकी मृत्यु हो गई, उन्हें भूलना मुश्किल है, पर भुलाना पड़ेगा। ठीक ऐसे ही, गाजा में जो निरपराध मारे गए हैं, उनके प्रति भी पूरी सहानुभूति की सार्थकता तब है, जब गाजा में फिर किसी निरपराध की मौत की आशंकाओं को हर मुमकिन कोशिशों से टाला जाए। इजरायल को यहां ज्यादा उदारता का परिचय देना होगा, क्योंकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह बहुत ताकतवर है। हमास को भी हिंसा से बचना चाहिए। द्वि-राष्ट्री...
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