नई दिल्ली, अप्रैल 8 -- हाई कोर्ट में जज बनना अब आसान नहीं होगा। लगभग तीन दशकों से वकीलों को हाई कोर्ट कोलेजियम की सिफारिश के आधार पर जज बनाया जाता था। इस कोलेजियम में सीजेआई की अध्यक्षता में कुल तीन सदस्य होते थे। इसकी सक्सेस रेट 85 से 90 फीसदी हुआ करती थी। मुश्किल से 10 से 15 फीसदी नामों को ही छांटा जाता था। हालांकि अब जज बनना आसान नहीं है क्योंकि अब सुप्रीम कोर्ट का कोलेजियम उनमें से 50 फीसदी से भी कम को मंजूरी देता है। अब जज बनने के लिए एक इ्ंटरव्यू भी देना होगा। पहले सुप्रीम कोर्ट का कोलिजेयम यही देखता था कि वकील ने कितने महत्वपूर्ण केस लड़े हैं। इसके अलावा इंटेलिजेंस ब्यूरो से ऐडवोकेट कम्युनिटी में उनकी छवि के बारे में जानकारी ली जाती थी। हाई कोर्ट कोलेजिया द्वारा जिन नामों की सिफारिश की जाती थी उनमें से 10 से 15 फीसदी को उनकी छवि के...
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