मुजफ्फरपुर, जून 12 -- मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। स्थानीय लीची समाप्त होने को है। इस बीच, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र मुशहरी में लौगान लीची तेजी से तैयार हो रही है। अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों के अनुसार लौगान लीची का सीजन स्थानीय लीची का सीजन समाप्त होने के एक माह बाद से शुरू होने लगता है। लौगान लीची की तुड़ाई जुलाई के अंतिम व अगस्त के प्रथम सप्ताह से शुरू होती है। यह लीची थाईलैंड और मलेशिया में अधिक होती है। भारत में झारखंड और बंगाल में भी लौगान के बगान धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। हालांकि, बिहार में लौगान के बगान कम हैं। कुछ किसानों ने शौकिया तौर पर अपने बगान में एक-दो पेड़ लगा रखे हैं। 15 ग्राम तक होता है वजन राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. विकास दास ने बताया कि केन्द्र में लौगान लीची के पांच सौ से अधिक पेड़ हैं।...
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