नई दिल्ली, फरवरी 25 -- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और छोटी राशि के कर्ज देने वाली इकाइयों को थोड़ी राहत दी है। दरअसल, आरबीआई ने बैंक फाइनेंस को लेकर रिस्क वेट को कम कर दिया है। इस कदम से बैंकों के पास अधिक धन उपलब्ध होगा और वे अधिक कर्ज दे सकेंगे। कम रिस्क वेट का मतलब है कि बैंकों को कंज्यूमर लोन के लिए सिक्योरिटी के रूप में कम धनराशि अलग रखने की आवश्यकता होगी और उनकी उधार देने की क्षमता में वृद्धि होगी।2023 में बढ़ी थी सख्ती रिजर्व बैंक ने नवंबर, 2023 में रिस्क वेट बढ़ाकर ऋण देने के मानदंडों को कड़ा किया था। उसके बाद एनबीएफसी और छोटी राशि के कर्ज देने वाले (माइक्रोफाइनेंस) संस्थानों दोनों के कर्ज देने की गति धीमी हुई है। उन सभी मामलों में जहां एनबीएफसी की एक्सटर्नल रेटिंग के अनुसार मौजूदा रिस्क ...