नई दिल्ली, अक्टूबर 22 -- अरविंद गुप्ता, पूर्व राजनयिक एवं डायरेक्टर, वीआईएफ अमेरिका में राजनीतिक विभाजन कितना गहरा हो गया है, इसकी एक बानगी है ट्रंप प्रशासन के खिलाफ चल रहा विरोध-प्रदर्शन। बीते 18 अक्तूबर को देश भर में करीब 2,700 जगहों पर प्रदर्शन हुए, जिनमें माना जा रहा है कि 70 लाख अमेरिकियों ने शिरकत की। इन प्रदर्शनकारियों के निशाने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप थे और वे 'नो किंग्स' के नारे लगा रहे थे, यानी अमेरिका में कोई राजा नहीं है। 'नो किंग्स' विरोध-प्रदर्शन वही लोग कर रहे हैं, जो राष्ट्रपति की नीतियों से खफा हैं और यह मानते हैं कि अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रंप एक तानाशाह के रूप में उभरे हैं। इनमें विरोधी पार्टी डेमोक्रेटिक के समर्थक भी हैं। उनकी नजर में रिपब्लिकन शासन में अमेरिका का लोकतंत्र कमजोर हुआ है और आप्रवासन नीति या 'शटडाउन...