नई दिल्ली, नवम्बर 7 -- जगन्नाथ राव, निर्माण, आवास और संभरण उपमंत्री माननीय सदस्यों ने जो कुछ भी कहा है, मैं उनसे सह‌मत हूं। निस्संदेह मैं यह चाहता हूं कि हमारे देश में सभी के पास रहने के लिए आवास हों। तथापि, दूसरी परियोजना में यह अंतर बहुत बढ़ गया था। आज हमें उस स्थिति का सामना करना है। 15 अगस्त 1947 के पश्चात् हमें अपनी अर्थव्यवस्था में क्रांति लानी थी। इसके लिए हमने कुछ प्राथमिकताएं निश्चित कीं, जैसे कृषि, सिंचाई सुविधाएं, भारी उद्योग इत्यादि। केंद्र तथा राज्यों में भी आवास समस्या के समाधान को वैसी प्राथमिकता नहीं दी गई, जितनी कुछ अन्य विषयों को दी गई। योजना आयोग इस समस्या के प्रति जागरूक है और इसी कारण पहली और दूसरी योजनाओं में इसे अधिकाधिक राशि प्रदान की गई। दूसरी योजना में कुल पांच लाख मकान बने, जबकि तीसरी योजना में नौ लाख मकानों के ...