दरभंगा, मार्च 9 -- दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में चल रही पांच दिवसीय संस्कृत अनुवाद दक्षता संवर्धन कार्यशाला के दूसरे दिन रविवार को कई विषयों पर मंथन व चिंतन हुआ। संस्कृत, पालि व प्राकृत विभाग विश्व भारती शांति निकेतन, बंगाल के रिटायर्ड डायरेक्टर प्रो. अरुण रंजन मिश्र ने बहुभाषी शब्दावली का संस्कृत अनुवाद एवं संस्कृत के विशिष्ट शब्दों का परिचय कराते हुए कादंबरी के विशिष्ट शब्दों का अनुवाद एवं उसके स्वरूप का परिचय कराया। रामकृष्ण मिशन विवेकानंद एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, वेल्लूर मठ व बंगाल के संस्कृत एवं पालि विभाग के आचार्य डॉ. गोपीकृष्ण रघु ने शब्दानुवाद, भावानुवाद एवं छायानुवाद के स्वरूप को बताते हुए उसमें आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला। पीआरओ निशिकांत ने बताया कि आधार पुरुषों ने अनुवाद के समय अपनायी जाने...