नई दिल्ली, मार्च 20 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक मामले में अदालत पुलिस को आरोपपत्र में किसी व्यक्ति का नाम शामिल करने का आदेश नहीं दे सकती है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि यदि पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं, तो अदालत संबंधित व्यक्ति को समन जारी कर सकता है, भले ही उसका नाम आरोपपत्र में ‌न हो। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने गोपाल प्रधान की ओर से दाखिल अपील पर यह टिप्पणी की है। मजिस्ट्रेट के निर्देश पर पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र में शामिल किया गया था और बाद में उसे आरोपी के रूप में समन जारी किया था। इस मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने भी निचली अदालत के आदेश को बहाल रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद कहा कि 'हमें याचिकाकर्ता की ओर से पेश दलीलों कुछ तकनीकी ...