कानपुर, मई 30 -- कानपुर। चिन्मय मिशन के आईएमए हॉल में चल रहे गीता ज्ञान यज्ञ में स्वामी प्रबुद्धानंद ने प्रवचन करते हुए कहा कि जीवन में शोक की समस्या का कारण है अज्ञान। जब तक हम स्वयं को नहीं जानते तब तक अज्ञान शेष रहता है और वही हमारे शोक का कारण है। स्वयं को जानने की कला का ही नाम अध्यात्म है। व्यक्ति देह को ही अपना समझने लगता है। देह नाश के डर के कारण उसके जीवन में शोक पैदा होता है। जीवन में परिस्थिति जन्य जो दोष आता है उसके उपाय के लिए भगवान बोलते हैं। यह सब आने और जाने वाली चीज हैं कभी भी परिस्थिति एक सी नहीं रहती। आएगी और जाएगी। यहां स्वामी राघवानंद, ब्रह्मचारिणी भगवती चैतन्य, अंकुर गुप्ता, डॉ श्याम बाबू गुप्ता, विनय सानन, अपर्णा गुप्ता,देवेंद्र शर्मा आदि मौजूद थे।

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