बिजनौर, मई 7 -- मॉक ड्रिल का उद्देश्य आम लोगों को सतर्क करना है। युद्ध की परिस्थितियों में किस प्रकार स्वयं को ढाला जा सकता है। क्या काम हैं जो जरूरी होंगे। सुरक्षा के उपाय करने के लिए जानकारी दी जाएगी। हालांकि नजीबाबाद को युद्ध के दौरान सुरक्षित माना जा सकता है। पंडित घनश्याम वशिष्ठ बताते हैं कि सन 1962 में चीन के साथ युद्ध हुआ था। ब्लैकआउट के कारण सड़कें भी खतरनाक हो गई थीं। अंधेरे में लोग रात को घरों में कैद हो जाते थे। बाजार जल्दी बंद होते थे। थिएटर सूने रहते और सामाजिक गतिविधियां लगभग बंद हो जाती थीं। सरदार बलवीर सिंह बताते हैं कि चीन के साथ भारत का युद्ध हुआ था सन 1962 में। यह समय भारतवासियों के लिये काफी परेशानियों भरा रहा। युद्ध की घोषणा से पहले ही ब्लैक आउट के सख्त निर्देश जारी कर दिए गए थे। उस समय मुख्य रूप से स्ट्रीट लाइटों को ...
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