भागलपुर, सितम्बर 28 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता सिर्फ कुत्तों के काटने पर ही एआरवी (एंटी रैबीज वैक्सीन) का टीका लगवाने के लिए तत्पर न होइए। अगर आपको या आपके अपनों को बिल्ली, बंदर या फिर पालतू कुत्ता भी काट लेता है तो इसको गंभीरता से लीजिए और तत्काल ही अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर एआरवी का टीका लगवा लें। क्योंकि रैबीज के ऐसे मरीज भी अब अस्पतालों में आने लगे हैं, जिन्हें कुत्ते ने नहीं बल्कि बंदर या बिल्ली काटा होता है और वे टीका नहीं लगवाए तो रैबीज से उनकी जान तक चली गई। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर एंड हेड डॉ. राजकमल चौधरी ने बताया कि साल 2024 में बिल्ली या बंदर काटने के कारण रैबीज के सात लोग बीमार इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे तो वहीं इस साल अब तक इस तरह के सात मामले अस्पताल में पहुंच चुके है...