नई दिल्ली, नवम्बर 1 -- गरीबी और अकाल के खिलाफ भारत की लड़ाई पुरानी है, जिसमें कदम-दर-कदम कामयाबी मिलती आ रही है। वैसे, एक दौर था, जब गुलाम देश भारत को चिढ़ाते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल ने यहां तक कह दिया था कि भारतीय लोग खरगोशों की तरह बच्चे पैदा करते हैं, जिससे वहां अकाल पड़ता है। अर्थशास्त्र के प्रति अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि अकाल इतना ही बुरा होता, तो गांधी उसमें मर न जाते। तब चर्चिल के हाथों में बागडोर थी, तो वह जो मर्जी बक रहे थे। यह वह दौर था, जब खासकर बंगाल में भयानक अकाल पड़ा था। बीस लाख से ज्यादा लोग दाने-दाने के लिए तड़पते काल के गाल में समा गए थे। सुबह हो, दोपहर हो या शाम, हड्डियों का अपना ढांचा लिए अनेक इंसान सड़कों पर डोला करते थे। बंगाल के तमाम गांवों में यह अफवाह उड़ी हुई थी कि कलकत्ते...
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