आरा, मार्च 17 -- मंदिर-मठ से लेकर चौराहे और दालान में चैता गायन की गूंज ग्रामीणों की ओर से पारंपरिक चैता गा बसंतोत्सव मनाया जा रहा अगिआंव, संवाद सूत्र । रंगोत्सव का त्योहार खत्म होने और बसंत के आगमन के साथ ही गांव-जवार में जगह-जगह मंदिर-मठ से लेकर चौराहे और दालान में ग्रामीणों की ओर से पारंपरिक चैता गाकर बसंतोत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान अनेक प्रकार का चैता गायन कर ग्रामीण खूब झूम रहे हैं। प्रखंड के ब्रह्मपुर, मेहंदौरा, चिलहर, कमरिया, बड़गांव आदि गांवों में ग्रामीणों की ओर से चैता का आयोजन किया गया। रविवार की संध्या ब्रह्मपुर गांव में चैता का आयोजन किया गया। कंठे सुरवा होख ना सहैया हो रामा, पिया पिया रटत पियर भइले देहिया हो रामा, अइले बसंत राज बगिया हो रामा, मातल ... जैसे पारम्परिक चैता पर लोगों ने खूब झूमा। इस दौरान ढोलक पर रामजी राय क...