चतरा, जुलाई 31 -- जवान बेटे की मौत का यकीन सबसे पहले पूरी दुनिया करती है, मां-बाप को सबसे आखिरी में यकीन होता है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है। यह स्वाभाविक सा मानवीय गुण है। कई बार मां-बाप जल्दी ही मान लेते हैं कि उनका बच्चा इस दुनिया में नहीं है, लेकिन कुछ मां-बाप जल्दी स्वीकार नहीं कर पाते हैं। ऐसा ही हुआ है झारखंड के चतरा में। यहां एक परिवार अपने बेटे को जिंदा करने के लिए 7 घंटों तक पूजा-प्रार्थना करता रहा, लेकिन बेटा वापस नहीं आया। कुछ लोग इसे अंधविश्वास कहेंगे तो कुछ लोग इसे मां की ममता। हंटरगंज के पैनीकला गांव में बुधवार को अंधविश्वास का एक ऐसी घटना सामने आई, जिसमें एक मां अपने मृत पुत्र को जिंदा करने के लिए सुबह सात बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक प्रभु यीशु की प्रार्थना करती रही। मृतक की मां के अलावा फुआ, चाचा और गांव के अन्य...
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