रुडकी, मार्च 6 -- राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच) में आयोजित अंतरराष्ट्रीय भूजल सम्मेलन के दूसरे दिन गुरुवार को जल गुणवत्ता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। इस दिन के सत्रों में 18 मौखिक शोध पत्र और 27 पोस्टर प्रस्तुत किए गए, जिनमें भूजल के संदूषण के स्रोतों पर महत्वपूर्ण अध्ययन सामने आए। मुख्य शोध पत्रों में से एक अध्ययन बंगलुरु शहर में किए गए भूजल संदूषण पर आधारित था। इस अध्ययन में पता चला कि शहर के भूजल में संदूषण के प्रमुख स्रोत नदियां, सीवर, पाइप वाली पानी की लाइनें और झीलें हैं। यह निष्कर्ष भूजल की प्रदूषण के प्रति संवेदनशीलता को उजागर करते हैं और जल पुनर्भरण प्रक्रिया को समझने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, अध्ययन में यह भी पाया गया कि भारतीय शहरों में पॉलीफ्लोरोएल्किल पदार्थों (पीएफएएस) की सांद्रता अत्यधिक थी। इन रसायनों ...