लखनऊ , नवंबर 28 -- उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि यूपीएमआरसी देश की पहली मेट्रो एजेंसी है, जिसने कार्बन डाइऑक्साइड(Co2) आधारित स्वचालित वातानुकूलन नियंत्रण प्रणाली (एचवीएसी) को अपनाया है। इससे ऊर्जा खपत में उल्लेखनीय कमी आती है और यात्रियों को स्वच्छ तथा आरामदायक वातावरण मिलता है।
शुक्रवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा आयोजित सम्मेलन में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने सक्रिय सहभागिता करते हुए मेट्रो तकनीक, शहरी परिवहन और नवाचार-आधारित विकास पर अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम में यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश मेट्रो शहरी परिवहन के क्षेत्र में कई तकनीकी नवाचारों के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि लखनऊ, कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं को समय पर, उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करना यूपीएमआरसी की विशेष पहचान बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 के विज़न को साकार करने में मेट्रो जैसे आधुनिक शहरी परिवहन प्रणालियों का महत्वपूर्ण योगदान है, क्योंकि ये प्रदूषण नियंत्रण, ट्रैफिक प्रबंधन और टिकाऊ शहरी विकास की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। संचालन, इंजीनियरिंग और रोलिंग स्टॉक में अत्याधुनिक तकनीकों का व्यापक उपयोग किया जा रहा है, जिससे मेट्रो प्रणाली अधिक सुरक्षित, विश्वसनीय और ऊर्जा-कुशल बनी है।
उन्होंने कहा कि "ट्रांसपोर्टिंग हैप्पीनेस" पहल के तहत मेट्रो को केवल परिवहन का माध्यम ही नहीं बल्कि एक सकारात्मक अनुभव बनाने की कोशिश की जा रही है। इसके तहत यात्रियों के लिए जन्मदिन समारोह, किटी पार्टी और प्री-वेडिंग फोटोग्राफी जैसी गतिविधियों की सुविधा दी जा रही है।
सम्मेलन में सुशील कुमार ने उद्योगों से अपील की कि मेट्रो सेक्टर में समस्या-समाधान, नवाचार और ज्ञान-साझाकरण के लिए एक समर्पित सहयोग मंच विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य की मेट्रो प्रणालियाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सूचना प्रौद्योगिकी और स्मार्ट ऑटोमेशन पर आधारित होंगी, ऐसे में उद्योग-अकादमिक-तकनीकी संस्थानों के संयुक्त प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं।
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