लखनऊ , दिसंबर 26 -- उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने विभिन्न राज्यों और प्रदेश के कई जिलों में बोगस फर्मों का पंजीकरण कर फर्जी इनवॉइस व ई-वे बिल के माध्यम से करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी करने वाले अंतरराज्यीय संगठित गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।

यह कार्रवाई शुक्रवार को एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ द्वारा पूछताछ के बाद की गई है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दिलशाद मलिक, रमेश पटेल, अंकुर तिवारी, स्वतंत्र कुमार तिवारी,मो. वसीम, मो. सोहेल, जावेद मलिक शामिल हैं। एसटीएफ ने आरोपियों के पास से 90 बोगस फर्मों की कटिंग मोहर, 18 मोबाइल फोन, 54 बैंक चेकबुक, पैन, वोटर, आधार कार्ड, लैपटॉप, सिम कार्ड, फर्जी बिल-बुक और जीएसटी से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं।

एसटीएफ के अनुसार गिरोह द्वारा वास्तविक व्यापार किए बिना फर्जी कंपनियों के नाम पर इनवॉइस और ई-वे बिल जारी कर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का गलत लाभ उठाया जा रहा था। इस फर्जीवाड़े से न केवल सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया गया, बल्कि वास्तविक व्यापारियों को भी अवैध रूप से लाभ पहुंचाया गया। ये सभी आरोपी मेरठ, गाजियाबाद, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय थे और बोगस फर्मों के नेटवर्क के जरिए फर्जी लेन-देन को अंजाम दे रहे थे।

जांच में सामने आया कि गिरोह के सरगना द्वारा मेरठ में सॉफ्टवेयर और मानव संसाधन आधारित पूरा सेटअप तैयार किया गया था। वास्तविक फर्म धारकों से जीएसटी नंबर, माल/सेवा का विवरण और राशि व्हाट्सएप के माध्यम से ली जाती थी। इसके बाद पहले से बनाई गई बोगस फर्मों के नाम पर फर्जी सेल इनवॉइस और ई-वे बिल जनरेट कराए जाते थे।

इन इनवॉइस के आधार पर वास्तविक फर्मों को आईटीसी का लाभ दिया जाता था और बोगस फर्मों के खातों में ट्रांसफर की गई राशि को नकद या अन्य माध्यमों से वापस वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचाया जाता था।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित