चेन्नई , नवंबर 29 -- काशी-तमिल संगमम (केटीएस) के चौथे संस्करण की शुरुआत से तीन दिन पहले शनिवार को केटीएस 4.0 की पहली ट्रेन 45 प्रतिनिधियों के साथ कन्याकुमारी से रवाना हुई।
इस ट्रेन में 86 प्रतिनिधि तिरुचिरपल्ली से और 87 चेन्नई से सवार होंगे, जिसके बाद ट्रेन में प्रतिनिधियों का कुल आंकड़ा 216 पहुंच जाएगा। काशी और तमिल के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए की जा रही इस यात्रा पर 50 तमिल साहित्यक विशेषज्ञ, 54 सांस्कृतिक विद्वान एवं विद्यार्थी, शिक्षक, शिल्पकार, शास्त्रीय गायक और आध्यात्मिक पुस्तकों के विद्यार्थी मौजूद होंगे।
काशी तमिल संगमम 4.0 की आधिकारिक शुरुआत दो दिसंबर को वाराणसी के नमो घाट पर एक उद्घाटन कार्यक्रम के साथ होगी। भारत की अलग-अलग तरह की सांस्कृतिक परंपराओं की गहरी समझ को बढ़ावा देने के मकसद से 1,500 से ज़्यादा प्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेंगे।
आठ दिन की इस यात्रा के दौरान, तमिलनाडु के प्रतिनिधि वाराणसी और आस-पास के इलाकों में घूमेंगे और इन सांस्कृतिक केंद्रों में ज़िंदगी के अलग-अलग पहलुओं को अच्छे से जान पाएंगे।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि तमिलनाडु के प्रतिनिधि काशी विश्वनाथ मंदिर, नमो घाट, हनुमान घाट, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, सारनाथ और अयोध्या मंदिर जैसी धार्मिक और ऐतिहासिक जगहों पर भी जाएंगे।
तमिलनाडु के तेनकासी से उत्तर प्रदेश के काशी तक ऋषि अगस्त्य वाहन अभियान भी दो दिसंबर को शुरू किया जाएगा और 12 दिसंबर को वाराणसी में इसका समापन होगा। यह रैली पांडिया शासक आदि वीर पराक्रम पांडियन की याद में मनाई जाती है, जिन्होंने तमिलनाडु से काशी तक अपनी ऐतिहासिक यात्रा के माध्यम से सांस्कृतिक एकता का संदेश फैलाया और एकता की भावना को दर्शाने के लिए शहर का नाम बदलकर तेनकासी (दक्षिण काशी) रखते हुए भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर की स्थापना की।
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