मुंगेर , दिसंबर 25 -- बिहार में मुंगेर स्थित 37 बंदूक निर्माता इकाइयों के मालिकों ने अपने गन 'मैन्युफैक्चरर लाइसेंसी एसोसिएशन' के माध्यम से केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ से रांची में उनके निवास पर मुलाकात की और बिहार में प्रस्तावित डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में मुंगेर बंदूक कारखाने को शामिल करने की मांग की है।

इस संबध में प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री के समक्ष तर्क रखा है कि मुंगेर बंदूक कारखाना 263 वर्ष पुराना है और उसे बिहार में प्रस्तावित डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में शामिल किया जाना चाहिए।

जहाँ तक इस कारखाने के इतिहास का सवाल है, मुगल शासक मीर कासिम ने जब मुंगेर को 263 वर्ष पूर्व अपनी राजधानी बनाया था, उस समय मुगल शासक मीर कासिम ने मुंगेर किला क्षेत्र में शस्त्रागार की स्थापना की थी। उस समय मुंगेर के शस्त्रागार में बंदूके और तोपों का निर्माण होता था ।

केंद्र और राज्य सरकार की डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पॉलिसी की घोषणा स्वागत मुंगेर की 37 बंदूक निर्माण इकाइयों के निर्माता ने की है और उम्म्मीद जताई है कि 263 वर्ष पुराने इस मुंगेर बंदूक कारखाने की तकदीर इस पॉलिसी के बाद जरूर बदलेगी।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार और बिहार सरकार ने मिलकर बिहार को पूर्वी भारत का डिफेंस और टेक्नोलॉजी हब बनाने का निर्णय लिया है।सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के तहत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता, बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन और हाईटेक मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेमीकंडक्टर ड्रोन, हथियार ए के-47 ,पिस्टल और अन्य रक्षा उपकरणों का निर्माण किया जाये।

263 वर्षों से बंदूक का निर्माण करने वाले मुंगेर बंदूक कारखाने के कारीगरों के पास स्किल मौजूद है। साथ ही स्थान भी उपलब्ध है और यदि भारत सरकार इंडस्ट्रियल डिफेंस कॉरिडोर में मुंगेर बंदूक कारखाने को शामिल करती है, तो उसके कारीगरों रक्षा उपकरणों और मशीनों का उपयोग कर लाभ उठाया जा सकता है।

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने संगठन के प्रतिनिधियों से मुंगेर बंदूक कारखाना के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त की और समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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