धमतरी , नवंबर 07 -- ) छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के नारी गांव के सहायक शिक्षक ढालू राम साहू का व्हाट्सएप स्टेटस पर एक पोस्ट को लेकर किया गया निलंबन जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने मात्र 24 घंटे में ही वापस ले लिया गया।

श्री साहू ने राज्योत्सव के दौरान अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर एक पोस्ट साझा की थी जिसमें उन्होंने स्कूलों में पुस्तकों की कमी और शैक्षणिक अव्यवस्था का जिक्र करते हुए राज्योत्सव मनाने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने लिखा था, "जब तक स्कूलों में किताबें नहीं दी जातीं, तब तक डीईओ से लेकर कलेक्टर और मंत्री तक का वेतन काटा जाना चाहिए।"इस स्टेटस के वाइरल होने के बाद जिला शिक्षा विभाग ने इसे अनुशासनहीनता और सरकारी सेवक के आचरण नियमों का उल्लंघन माना और शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।

जिले के शिक्षक संगठनों ने इस निलंबन कार्रवाई को अनुचित बताया और कहा कि शिक्षक ने केवल व्यवस्था की वास्तविकता पर प्रश्न उठाया था, जिसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में देखा जाना चाहिए।

शुक्रवार को दिनभर यह मामला चर्चा का विषय बना रहा। शाम तक प्रदेश शिक्षक संघ भी निलंबित शिक्षक के समर्थन में उतर आया। शिक्षक संघ ने कलक्टरेट के सामने प्रदर्शन किया और डीईओ से चर्चा के बाद समाधान निकाला। निलंबित शिक्षक ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस को लेकर गलती स्वीकार की, जिसके बाद डीईओ ने निलंबन वापस लेने की घोषणा कर दी। हालांकि, विधिवत आदेश सोमवार को जारी किया जाएगा।

इस फैसले के साथ ही विवाद और बहस का अंत हो गया है। शिक्षा विभाग और शिक्षक संघ के बीच संभावित टकराव की स्थिति भी टल गई।

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