लखनऊ , अक्टूबर 19 -- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दीपावली के अवसर पर बड़ा संकल्प लेते हुए कहा कि 2027 की दिवाली पर पीडीए सरकार उत्तर प्रदेश के प्रजापति समाज के करोड़ों रूपए के दीये खरीदेगी, ताकि उनकी आमदनी इतनी बढ़े कि उनके घरों में कई महीनों तक दिवाली का प्रकाश बना रहे।

रविवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि आज की भाजपा सरकार दूर के तटीय राज्यों के लोगों को यह कार्य देकर उप्र के प्रजापति समाज का हक़ छीन रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा "हम चाहते हैं दीया भी उप्र का हो, बाती भी, तेल भी और रोशनी भी। भाजपा दीपोत्सव के ठेकों में उप्र के लोगों की उपेक्षा करके 'दीया तले अंधेरा' करने का पाप न करे।"दीपावली पर्व की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि सच्ची दिवाली तभी होगी, जब उसका उजाला हर घर तक पहुँचे और प्रदेश का हर मेहनतकश परिवार उस प्रकाश में अपनी खुशियाँ देख सके।

इससे पूर्व त्यौहार को लेकर अखिलेश यादव ने कहा था कि त्योहार परस्परता के प्रतीक होते हैं। किसी की माटी, किसी का दीया, किसी का सूत, किसी की बाती, किसी का तेल, किसी की खील, किसी का कपड़ा, किसी की सिलाई, किसी का खोआ, किसी की मिठाई, किसी का खिलौना, किसी का बताशा, किसी की फुलझड़ी, किसी का पटाखा. सौहार्द बचा रहेगा तो त्योहार बचा रहेगा।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपनी संकीर्ण राजनीति के लिए अपनी नकारात्मक सोच का प्रदर्शन करते रहते हैं। ऐसे लोग दिखावे के लिए ऊपरी तौर पर तो त्योहार मना सकते हैं लेकिन अच्छे और सच्चे मन के अभाव में कभी भी अंदर से ख़ुश नहीं हो सकते हैं।

अखिलेश ने कहा कि त्योहारों के ख़ुशनुमा माहौल में हम इनके लिए ये सकारात्मक प्रार्थना करते हैं कि ऐसे लोग अपने मन की कलुषता और ज़हर से बचे रहें और कभी अकेले में बैठकर सोचें कि पहले कभी उनके विचार और व्यवहार में ऐसी खटास या कड़वाहट थी क्या? अगर नहीं तो ये सोचें कि अब ऐसा क्यों हो रहा है, कहीं कोई उनके भोलेपन का फ़ायदा उठाकर उनका इस्तेमाल अपने राजनीतिक लाभ के लिए तो नहीं कर रहा है। कोई उनकी सोच को हिंसक बनाकर कहीं उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ तो नहीं कर रहा है। नकारात्मक व्यक्ति, धीरे-धीरे हिंसक होने लगता है जिसका बहुत बुरा असर उसके अपने मन-मानस और स्वास्थ्य पर पड़ता है। वो बहुत जल्दी क्रोधित होने लगता है जिसका प्रभाव उसके अपने पारिवारिक और समाजिक संबंधों तक पर बेहद ख़राब तरीके से पड़ता है। इसीलिए सबसे आग्रह है कि अच्छा सोचें और सकारात्मक रहें, ख़ुद भी ख़ुश रहें और बाकी सबको भी ख़ुश रहने दें।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित