चेन्नई , अक्टूबर 05 -- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एम.के.स्टालिन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सहयोगी मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक पर निशाना साधते हुए घोषणा की है कि 2026 का विधानसभा चुनाव तमिल जाति की रक्षा और राज्य को बर्बाद करने की कोशिश कर रही शक्तियों को उखाड़ फेंकने के लिए है।
मुख्यमंत्री ने द्रविड़ नेता और समाज सुधारक पेरियार द्वारा शुरू किए गए आत्मसम्मान आंदोलन की शताब्दी के अवसर पर शनिवार रात चेंगलपट्टू जिले के मराईमलाईनगर में आयोजित समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सात महीने में होने वाला आगामी विधानसभा चुनाव केवल एक "राजनीतिक चुनाव" नहीं है।
उन्होंने कहा, "तमिल जाति के लिए यह एक सामाजिक चुनाव है जिससे वह खुद को सुरक्षित रख सके और 2026 में द्रमुक की द्रविड़ मॉडल सरकार 2.0 स्थापित कर सके। आइए हम संकल्प लें कि तमिलनाडु का सिर झुकने नहीं देंगे। हम जीतेंगे, तमिलनाडु लड़ेगा और तमिलनाडु जीतेगा।"उन्होंने कहा कि कुछ शक्तियों आत्मसम्मान आंदोलन द्वारा प्राप्त किए गए अधिकारों को छीनने की साजिश रच रही हैं। उन्होंने कहा कि ये शक्तियों विज्ञान को पीछे धकेल कर और प्रतिगामी उपाय अपनाकर अपना प्रभुत्व प्रदर्शित करने की भी साजिश कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे भारत को 100 साल पीछे धकेलने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने भाजपा और अन्नाद्रमुक दोनों पर समान रूप से तीखा हमला करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अन्नाद्रमुक शासन (2011 से 2021) के दस वर्षों के दौरान बर्बाद हुए तमिलनाडु को लोगों के समर्थन से पुनः प्राप्त किया है और उसका पुनर्वास किया है। उन्होंने कहा कि अब तमिलनाडु सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास कर आगे बढ़ रहा है।
श्री स्टालिन ने अन्नाद्रमुक की कोई विचारधारा नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा द्रविड़ आदर्शों की विरोधी है और अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी को द्रविड़वाद का अर्थ भी नहीं पता है। लेकिन ये शक्तियां 2026 में (द्रमुक शासन को उखाड़कर) सत्ता में आने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, "इस गठबंधन (एनडीए) को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए और आगामी चुनावों में इसे हराना चाहिए। इसकी जड़ें भी नहीं रहनी चाहिए (फिर से पनपने के लिए) क्योंकि ये दोनों दल राज्य और तमिल जाति को नष्ट करने पर तुले हैं।"उन्होंने ज़ोरदार तरीके से कहा कि आगामी चुनाव सिर्फ़ एक राजनीतिक चुनाव नहीं बल्कि तमिल जाति की रक्षा के लिए एक सामाजिक चुनाव है। लंदन स्थित प्रतिष्ठित ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में पेरियार के चित्र का अनावरण करते हुए गर्व महसूस करते हुए श्री स्टालिन ने कहा था कि अब पेरियार वैश्विक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड में पेरियार के चित्र का अनावरण पेरियार के आदर्शों और द्रविड़ कषगम के सिद्धांतों के प्रति सम्मान और मान्यता है।
द्रविड़ कषगम द्वारा तिरुचि में बनाए जा रहे पेरियार उलगम (पेरियार विश्व) का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इसके लिए अपने एक महीने का वेतन दान किया है क्योंकि हम आज जो कुछ भी हैं वह पेरियार की वजह से है।
श्री स्टालिन ने कहा कि इसी प्रकार द्रमुक के सभी 126 विधायकों और 32 सांसदों ने भी अपने एक महीने के वेतन का योगदान दिया जो लगभग 1.50 करोड़ रुपये है। यह टिप्पणी करते हुए कि अगर द्रविड़ कषगम (डीके) आत्म-सम्मान आंदोलन की निरंतरता है तो द्रमुक डीके का विस्तार है, श्री स्टालिन ने कहा कि आत्म-सम्मान आंदोलन, जिसने इस धरती पर जड़ें जमा ली हैं, के कारण ही हम आज तमिलनाडु के अधिकारों, तमिलों के आत्म-सम्मान, सामाजिक न्याय के विचारों की रक्षा कर पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पेरियार के आदर्शों को पूरा करने और समतावादी समाज सुनिश्चित करने के लिए द्रमुक सरकार द्वारा शुरू किए गए कई उपायों का जिक्र करते हुए, जिसमें सभी जातियों के लोगों को पुजारी के रूप में नियुक्त करना, यहां तक महिलाओं को भी पुजारी बनाना शामिल है, कहा कि सभी छात्रावास जो जाति के नाम पर थे उन्हें सामाजिक न्याय छात्रावासों में बदल दिया गया है।
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