पटना , दिसंबर 14 -- हले राष्ट्रीय सततता सम्मेलन 2025 का समापन सुदृढ़ विकास लक्ष्यों को गति देने के लिए औपचारिक, सामूहिक संकल्प के साथ रविवार को हुआ।
इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन सस्टेनेबल डेवलपमेंट फोरम और 'द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के बिहार राज्य केंद्र ने किया था।
समापन सत्र में, द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), बिहार स्टेट सेंटर के अध्यक्ष, इंजीनियर नील मणि रंगेश ने कहा कि 'धरती के साथ साथ सबके लिए एक सतत और सुदृढ़ भविष्य को बढ़ावा देना" ही इस सम्मेलन का मूल उदेश्य है । उन्होंने कहा कि बिहार जैसे जलवायु-असुरक्षित राज्य में "सुदृढ़ विकास के लिए एक स्पष्ट, डेटा-आधारित तैयारी आवश्यक है " ।
मुख्य अतिथि, पीठासीन अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि 2030 तक बिहार के हरित बदलाव के लिए आवश्यक 1.14 ट्रिलियन राशि की आवश्यता होगी।
कर्यक्रम में कहा गया कि आवश्यक बदलाव के लिए (1) जल संसाधन और जलवायु सुदृढ़ताः एकीकृत नदी बेसिन प्रबंधन और जलवायु-सुदृढ़ तटबंध, (2) सतत बुनियादी ढाँचा और शहरी विकासः ग्रीन बिल्डिंग कोड और सतत शहरी जल निकासी प्रणालियों को अपनाना, (3) स्वच्छ ऊर्जा और संसाधन दक्षता, (4) कृषि, भूमि और ग्रामीण सततता, (5) प्रौद्योगिकी, नवाचार और डेटा-आधारित शासनः डिजिटल उपकरणों, जीआईएस, एआई और वास्तविक समय की निगरानी का उपयोग और (6) सामुदायिक जुड़ाव और क्षमता निर्माण पर ध्यान जरूरी है ।
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