भोपाल , नवम्बर 6 -- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मध्यप्रदेश में इसे एक भव्य जन-उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने बताया कि यह आयोजन 7 नवम्बर 2025 से प्रारंभ होकर 7 नवम्बर 2026 तक पूरे वर्ष चलेगा। इस आयोजन के माध्यम से राष्ट्रगीत के गौरवशाली इतिहास, स्वतंत्रता आंदोलन में इसकी ओजस्वी भूमिका और सांस्कृतिक विरासत में इसके अमूल्य महत्व को जन-जन तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्यमंत्री श्री लोधी ने कहा कि 'वंदे मातरम' केवल एक गीत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना का वह जीवंत स्फुरण है जिसने करोड़ों भारतवासियों में स्वाधीनता की भावना को जगाया। इस वर्षगांठ का उद्देश्य नई पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति और त्याग की भावना से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि आयोजन को जन-अभियान के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
राज्य स्तरीय मुख्य समारोह 7 नवम्बर को प्रातः 9:30 बजे भोपाल स्थित शौर्य स्मारक में संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किया जाएगा। इसी समय प्रदेश के सभी जिला, तहसील एवं विकासखण्ड मुख्यालयों पर 'वंदे मातरम' का एक साथ सामूहिक गायन किया जाएगा। इसके बाद प्रातः 10 बजे से नई दिल्ली में आयोजित प्रधानमंत्री के मुख्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सभी आयोजन स्थलों पर दिखाया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश के सभी शासकीय, अशासकीय, अर्द्ध-शासकीय विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में भी राष्ट्रगीत का सामूहिक गायन किया जाएगा।
राज्यमंत्री श्री लोधी ने बताया कि यह आयोजन केवल शासकीय न होकर जन-जन का आयोजन होगा। इसमें विद्यार्थी, जनप्रतिनिधि, शासकीय अधिकारी-कर्मचारी, पुलिसकर्मी, चिकित्सक, शिक्षक और सामाजिक संगठन सक्रिय रूप से शामिल होंगे। इसके साथ ही 8 नवम्बर को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रदेश की सभी पंचायतों में तथा 10 नवम्बर को नगरीय निकायों में भी 'वंदे मातरम' का सामूहिक गायन आयोजित किया जाएगा।
संस्कृति मंत्री ने बताया कि पर्यटन विभाग के समन्वय से प्रदेश के सभी जिलों में प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी राष्ट्रगीत का गायन होगा, जिससे पर्यटकों में भी राष्ट्रीय गौरव का संचार हो। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण भाग "सभी स्वदेशी अपनाएँ" का सामूहिक संकल्प होगा, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ठोस कदम सिद्ध होगा।
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