पटना , अक्टूबर 05 -- मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में मतदान एक चरण में हो या दो, इस पर चुनाव आयोग जल्द ही निर्णय लेगा।

उन्होंने बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने- अपने सुझाव दिये हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुये चुनाव आयोग अंतिम फैसला लेगा।

भारत निर्वाचन आयोग की ओर से राजधानी पटना में चुनाव तैयारियों की समीक्षा बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने यह जानकारी रविवार को दी। दो दिवसीय बैठक में उनके साथ निर्वाचन आयुक्त डॉ सुखबीर सिंह संधू और डॉ विवेक जोशी भी उपस्थित रहे।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री कुमार ने कहा कि एक चरण और बहु- चरणीय मतदान की अपनी- अपनी चुनौतियां और लाभ होते हैं। ऐसे में आयोग सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जल्द ही निर्णय लेगा कि बिहार में चुनाव कितने काहर्ण में होगा।

उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) अवश्य नियुक्त करें। बीएलए को मतदान शुरू होने से पहले मॉक पोलिंग देखने के लिए उपस्थित रहना चाहिए, जिससे मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री कुमार ने बताया कि फॉर्म 17C किसी भी मतदान केंद्र पर डाले गये कुल मतों का विवरण होता है, वह प्रेसाइडिंग अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ बीएलए को सौंपा जायेगा। यदि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज वोटों और बीएलए को दिये गये फॉर्म 17C में कोई अंतर पाया गया, तो उस बूथ की वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की जायेगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि डाक मतपत्रों की गिनती, मतगणना की अंतिम दो राउंड्स से पहले कर ली जायेगी, जिससे परिणाम की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री कुमार ने बताया कि वर्तमान बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, और उससे पहले ही चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।

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